कुलदीप सिंह सेंगर दोषी करार, फैसला सुनते ही फफक कर रो पड़े

उनाव कांड से जुड़े दुष्कर्म के मामले में तीस हजारी अदालत ने सोमवार को भाजपा से निष्कासित उन्नाव के विधायक कुलदीप सेंगर को दोषी करार दिया है। अदालत ने सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को नाबालिग माना है, ऐसे में कुलदीप सिंह की पोक्सो एक्ट के तहत मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि इसमें कठोर सजा का प्रावधान है। वहीं, कुलदीप सिंह सेंगर के वकील तनवीर अहमद मीर ने अदालत में कहा कि आज ही सजा पर बहस हो। इस पर अदालत ने सजा पर बहस के लिए मंगवार का दिन तय किया है। वहीं, महिला आरोपित शशि सिंह को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया है। जज धर्मेश शर्मा की अदालत ने फैसला सुनाया तो कुलदीप सिंह सेंगर और शशि सिंह कोर्ट रूम में रोने लगे। बरी होने का फैसला सुनते ही शशि सिंह रोने लगीं। तीस हजारी कोर्ट ने सीबीआई को भी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता ने अपनी और परिवार की जान बचाने के लिए इस केस को देर से रजिस्टर कराया गया। कोर्ट ने कहा कि हम पीड़िता की मन की व्यथा को समझते हैं। कोर्ट ने कहा कि गैंगरेप वाले केस में सीबीआई ने एक साल चार्जशीट दाखिल करने में क्यों लगाया? बता दें कि तीस हजारी अदालत में गत पांच अगस्त को इस मामले की सनवाई शुरू हुई थी और 9 अगस्त को दोनों आरोपितों पर आरोप तय किए गए थे। करीब 5 माह तक इस कांड से जड़े सभी मामलों को लगातार तीस हजारी अदालत में सना जा रहा है। यह पहला मामला है, जिसमे अदालत का फैसला आया है। आरोप है कि 4 जून, 2017 को नौकरी देने के नाम पर कुलदीप सेंगर ने साजिश रचने और दुष्कर्म करने का अपराध किया था। इसके अलावा पीड़िता के परिजनों को नुकसान पहुंचाने की धमकी भी दी थीयह है पूरा उन्नाव कांड पीड़िता को किडनैप कर सामूहिक दुष्कर्म की वारदात भी हुई थी, जिसमें तीन नामजद समेत छह आरोपित हैं। पीडिता के पिता के खिलाफ 3 अप्रैल 2018 को शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था और पलिस हिरासत में अत्यधिक पिटाई के कारण उनकी मौत हो गई थी28 जुलाई को चाचा से मिलकर वापस लौटने के दौरान रायबरेली में पीड़िता की कार को एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी। घटना के समय कार में पीडिता की चाची. मौसी व वकील भी थे। इस घटना में उसकी चाची व मौसी की मौत हो गई थी. जबकि पीडिता व उसके वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे। सप्रीम कोर्ट के आदेश से लखनऊ से दिल्ली लाकर घायलों को एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां कई दिनों तक इलाज चला था। सुप्रीम कोर्ट ने ही उन्नाव कांड से जुड़े सभी मामलों को उत्तर प्रदेश से दिल्ली की तीस हजारी अदालत में स्थानांतरित किया था। तीस हजारी अदालत में दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म, पीड़िता के पिता पर झूठा केस दर्ज करने व उनकी हत्या के मामले की सुनवाई चल रही है। इसके अलावा, पीड़िता की कार को टक्कर मारने वाले केस का आरोप पत्र सीबीआइ दाखिल कर चुकी है। फिलहाल पीड़िता अपने परिवार के साथ दिल्ली में ही रह रही है, क्योंकि परिवार ने उन्नाव लौटने से इन्कार कर दिया था।